Sir Isaac Newton's Biography in Hindi




Sir Isaac Newton
Sir Isaac Newton


कोई भी खोज एक बड़े सोच के बिना नहीं की जा सकती, ऐसा कहना है दुनिया के गुरुत्वाकर्षण का सिधांत देने वाले महान बैज्ञानिक Sir Isaac Newton का, जिन्होंने अपने सोच के दमपर इस बिश्व को ऐसी बैज्ञानिक सिधांत दिये जिसके बिना हम बिज्ञान के बारे में सोच भी नही सकतें है |
       Isaac Newton का जन्म 25 दिसंबर,1642 को एक बहत ही गरीब परिवार में हुआ था | उन्हें पिता का प्यार नहीं मिल सका, क्युकी उनकी पिता की मृत्यु उनकीं इस दुनिया में आने की 3 महीने पहले ही हो गयी थी | Newton जन्म से ही काफ़ी कमजोर पैदा हुए थे, और उन्हें बचा पाना लगभग नामुमकिन का था | लेकिन सायेद ऊपरवाले ने Newton को महान कार्य के लिए जिबित रक्खा और बहत मुश्किलों के बाद उनकीं जान बचाई जा सकी थी | 
          जब Newton 3 साल के थे तब उनकी मा ने दोबारा शादी कर ली | लेकिन Newton को उनकी सौतेली पिता ज़रा भी पसंद नहीं थे | इसलिए उनकी मा ने उन्हें उनकी दादा-दादी के पास छोड़ दिया और वो दूसरे पति के साथ रहने लगी | सुरुआती दिनों में वो ठिक से बोल भी नही पाते थे और साथ ही साथ बहतही जिददी और गुसेल स्वभाब के थे | और लोग उन्हें पागल भी बोलते थे | वो शुरु से ही चाँद-तारों के बारे में सोचते रहते और अपने दादा-दादी से उससे related questions करते रहते थे | लेकिन उनके दादा-दादी उनके सवालों के जवाब सहीं ढंग से नहीं दे पाते थे, क्युकी उस समय बिज्ञान की बहत कम ख़ोज हो पाया था | 12 साल के उम्र से वो स्कुल जाना शुरु किया और उनकी सुरुआती पड़ाई The King School, Grantham में हुई | वो पड़ाई में बिलकुल भी अच्छे नहीं थे, इसलिए स्कुल के बच्चे उनकी बहत मजाक उड़ाते थे | और इसी बात को लेकर उनकी अपने classmates के साथ झगरा होता रहता था | इहाँ तक की उनकी झगरे की बजहसे उन्हें स्कुल से भी निकाल दिया गया | इसी बीच उनकी दूसरी पिता के भी मृत्यु हो गयी | और Newton फिरसे अपने मा के पास आगये |अब उनके घर में कोई भी income का source नही बचा था | और घर के खरचे चलाना भी बहत मुस्किल हो रहा था, इसीलिए Newton की मा चाहती थी की वो अब खेती ही कर ले,और अपना घर सम्हाले | लेकिन उनका मन खेती में बिलकुल भी नही लगता था | इसलिए स्कुल की principle से बात करके Newton के मा ने उन्हें फिरसे स्कुल भेजना शुरु कर दिया |
     इस बार Newton ने उस student से बदला लेने की सोच ली,जिसकी वजह से वो स्कुल से निकले गये थे | पूरी मन लगाके पड़ाई करने लगे, और जल्द ही स्कुल की toppers में गिने जाने लगे | उसके बाद अपनें एक uncle के माध्यम से Newton को Trinity College, Cambridge में admission मिल गया | वहा वो अपने fees भरने और अपने खरचो को चलाने के लिए college के अमीर student के वहा काम करते थे |
           एकदिन वो एक प्रिजम ले आये और उन्होंने देखा की सूरज की किरने प्रिजम की एक बाजु से प्रबेश करके दुसरे बाजु से बर्नपट प्रसारित कर रही है,ये Newton का पहला संसोधन था | उसके बाद, college में ही 1665 में उन्होंने कुछ mathematics law का खोज किया, जिसे बादमे Calculus का नाम दिया गया | एकदिन Newton अपने बगीचे में बैठे हुए थे | उन्होंने देखा की पेड़ से एक सेब निचे गिर गया, उसे देखकर Newton के मन में एक बिचार चमक उठा | उन्होंने सोचा गिरने वाले सभी चीज़े हमेसा पृथ्वी की तरफ आकर्षित होती है |उस दिन से गुरुत्वाकर्षण शक्ति के नियम उनके मन में बस गये | और सन 1705 में उन्होंने 'Law of Gravity' बिचार दुनिया के सामने रख दिया | इसके अलावा Newton के गति के 3 नियम ,यानी 'Law of Motion' का सिधांत दिया जो physics में सबसे ज्यादा प्रयोग किये जाते है | Newton के महान कार्य के लिए England के महारानी ने उन्हें 'Sir' ख़िताब प्रदान कर सम्मानित किया | उस दिन से Issac NewtonSir Isaac Newton के नाम से पहचाने जाने लगे | 
     अपने सिधान्तो से दुनिया को बदलने के बाद 20 मार्च,1727 में Sir Issac Newton की मृत्यु हो गयी | Newton के महान सिधान्तो के बजह से ही आज-कल के नये खोज सम्भब हो पाते है | आज के बैज्ञानिक भी Newton के खोज को सबसे महत्वपूर्ण मानते है, और उनकी ही सिधान्तो पर काम करते है | दोस्तों ,मनुष्य अपने बिचारो से बना होता है | वो जैसा सोचता है वैसा ही बन जाता है |अपनी सोच हमेशा positive रखिये; क्युकी दुनिया में कुछ भी असंब्हब नही |

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